Friday 1 November 2013

अलविदा बीबी नातियों वाली,अलविदा मियां,मौलाना लादेन,अलविदा केपी सक्सेना...आपको श्रद्धांजलि...

अपनी लेखनी में मियां और मौलाना लादेन का ज़िक्र करने वाले व्यंग्यकार केपी सक्सेना आज भले ही इस दुनिया को अलविदा कह गए...लेकिन वो हमेशा हमारे दिलों में एक ज़िंदादिल शख़्स की तरह ज़िदा रहेंगे...बहुत से लोगों की केपी से बहुत सी यादें जुड़ी हैं...ऐसी ही एक याद का ज़िक्र एस लेख में करूंगा...उर्मिल कुमार थपलियाल के द्वारा....

उर्मिल कुमार थपलियाल कहते हैं...ये उन दिनों की बात है जब केपी सक्सेना रेलवे में स्टेशन मास्टर हुआ करते थे...एक दिन केपी,उर्मिल बाबू और कुमुद नागर चारबार स्टेशन से बाहर पान की दुकान पर पहुंचे(केपी पान के ख़ूब शौकीन थे)...तीनों ने पान खाया...उर्मिल बाबू ने तफ़रीह लेने के लिए अपनी जेब में हाथ डाला और कहने लगे''अरे यार आज तो जेब में पैसे नहीं हैं'' केपी ने उन्हें घूरकर देखा और बड़ी मुश्किल से 5 रुपए निकाले...उसके बाद केपी इस क़िस्से को बार-बार दोहराया करते कि उर्मिल ने उन्हें बेवकूफ बना दिया...उर्मिल कहते हैं केपी थे बहुत दिलदार...जो भी उनके पास जाता बिना मुस्कुराए वापस नहीं आता...केपी की लिखावट बिल्कुल जुदा थी...वे बड़ी ख़ूबसूरती से चीज़ों को पेश करते थे...उनके जाने के बाद कौन अब उनकी तरह लिख पाएगा...


प्रदीप राघव