Wednesday 24 April 2013

करते थे कल तक जिस राह पे इंतज़ार उनका..
आज़ वो वहां से ख़ामोशी से गुज़र जाते हैं--प्रदीप राघव..

Sunday 21 April 2013

कट जाती थी राहों से गुजरते-गुजरते यूं ही..
मुहब्बत के सफ़र में काटनी पड़ती है ज़िंदगी....प्रदीप राघव